संगीता शर्मा, न्यूज राइटर, रायपुर, 5 अगस्त 2024
रायगढ़। कृषि विज्ञान केन्द्र, रायगढ़ द्वारा समिति रायपुर एवं राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान हैदराबाद के संयुक्त तत्वाधान में ग्रामीण युवाओं हेतु मशरूम उत्पादन का कौशल प्रशिक्षण कृषि विज्ञान केन्द्र में आयोजित किया गया। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ.बी.एस.राजपूत ने मशरूम, उत्पादन पश्चात मार्केटिंग किस तरह से कि जाए इस विषय पर विस्तृत जानकारी प्रशिक्षणार्थियों को दी।
प्रशिक्षण में रायगढ़ के विभिन्न विकास-खण्ड के 28 ग्रामीण युवक व युवतियों ने प्रशिक्षण लिया जिसमें उन्हें वीडियो, चल-चित्र प्रदर्शन, प्रायोगिक विधि से सिखाया गया। साथ ही मशरूम उत्पादन व बीज उत्पादक कृषक को प्रक्षेत्र भ्रमण कराया गया। प्रशिक्षण प्रभारी डॉ.मनीषा चौधरी ने चल-चित्र प्रदर्शन, प्रायोगिक विधि से ऑयस्टर मशरूम, पैरा मशरूम उत्पादन विधि की तकनीकी जानकारी दी साथ ही मशरूम के पोषण मूल्य व औषधीय महत्व केद्वारा बटन मशरूम के कम्पोस्टींग के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। डॉ. सविता आदित्य, द्वारा मशरूम में लगने वाले कीट व रोग प्रबंधन के बारे में अवगत कराया।
डॉ.कन्हैयालाल पटेल वैज्ञानिक द्वारा जहरीले व खाने योग्य मशरूम की पहचान करना बताया गया। डॉ. चंद्रपॉल सिंह सोलंकी वैज्ञानिक द्वारा मशरूम उत्पादन हेतु पैरा उपचार के संबंध में जानकारी दी गई। नीलकमल पटेल (प्रक्षेत्र प्रबंधक) के द्वारा प्रक्षेत्र में स्थित मशरूम उत्पादन इकाई के साथ-साथ फसल उत्पादन, गौशाला इकाई, केचुआ खाद इकाई आदि का भ्रमण कराकर जानकारी दी गई।
आषुतोष सिंह कार्यक्रम सहायक (कम्प्यूटर) ने क्राप डॉक्टर व ई-मार्केटिंग से अवगत कराया गया। केन्द्र के मृदा वैज्ञानिक श्री के.डी. मंहत ने मृदा उर्वरक्ता बढ़ाने में मशरूम उत्पादन पश्चात बचे अवशेष के उपयोग के बारे में जानकारी देते हुए कार्यक्रम का संचालन किया। मशरूम उत्पादक व स्पान उत्पादक कृषक से एक सफल उद्यमी से परिचर्चा करवाया गया। इस कार्यक्रम के सफलता में केन्द्र के वैज्ञानिकों सहित सुरेश प्रधान, सुनयना कुरू उषा बरेठ एवं अन्य स्टॉफ का योगदान रहा।